اہم خبریں

blog-detail-img.jpg

पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए

  • Apr 19, 2025
  • Editor: جناب مولانا ارشد کبیر خاقان صاحب مظاہری، ناظم:مدرسہ نورالمعارف،مولانا علی میاں نگر، دیا گنج،ضلع ارریہ،
  • Views : 421

ऑल इंडिया समाज सुधार समिति के अध्यक्ष मौलाना कबीरुद्दीन फारान ने विदेश मंत्री, भारत सरकार, डॉ. एस. जयशंकर को एक पत्र लिखकर पासपोर्ट बनवाने में हो रही समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि पासपोर्ट एक भारतीय नागरिक की पहचान का प्रमुख दस्तावेज़ है, लेकिन इसे बनवाना आज भी आम लोगों के लिए मुश्किल और खर्चीला कार्य है।
मौलाना फारान ने पत्र में लिखा है कि जब आधार कार्ड में पहले से ही सभी आवश्यक जानकारियाँ मौजूद होती हैं, तो केवल आधार कार्ड को ही पर्याप्त मानना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि मामूली एफ.आई.आर. के मामलों में पासपोर्ट प्रक्रिया को रोकना न्यायसंगत नहीं है। केवल देशद्रोह या हत्या जैसे गंभीर मामलों में ही अदालत की अनुमति आवश्यक होनी चाहिए।
धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला देते हुए मौलाना फारान ने आग्रह किया कि टोपी, पगड़ी या हिजाब में पासपोर्ट बनवाने की छूट हर नागरिक को मिलनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि देहरादून पासपोर्ट कार्यालय में टोपी, पगड़ी और हिजाब उतरवाना अनिवार्य कर दिया गया है, जो धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है और इस नियम को तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए।
मौलाना फारान ने यह भी कहा कि उन्होंने पहले भी इस मुद्दे पर विभिन्न विभागों को पत्र भेजे हैं। उन्होंने पटना पासपोर्ट कार्यालय की स्थिति को और भी खराब बताया, जहाँ लोगों को बार-बार नए दस्तावेज़ों की मांग कर परेशान किया जाता है।
दूरदराज़ क्षेत्रों से आने वाले लोग हज़ारों रुपये खर्च कर नुकसान झेलते हैं, जबकि स्थानीय पासपोर्ट सेवा केंद्र से रिपोर्ट "ओके" आने के बाद भी क्षेत्रीय कार्यालय बार-बार बुलावा भेजता है।
देश के विभिन्न हिस्सों से ऐसी सैकड़ों शिकायतें मिल चुकी हैं, जहाँ पासपोर्ट की फाइलें लंबित पड़ी हैं। समिति के अध्यक्ष ने यह भी माँग की कि हर ज़िले के डिप्टी कमिश्नर को पासपोर्ट जारी करने का अधिकार दिया जाए।
इसी तरह, पासपोर्ट के नवीनीकरण के समय यदि पता नहीं बदला है तो पुराने पासपोर्ट के आधार पर बिना अतिरिक्त प्रक्रिया के नया पासपोर्ट जारी किया जाए।
उन्होंने बताया कि passportindia.gov.in वेबसाइट अधिकांश समय काम नहीं करती, जिससे हज़ारों लोग परेशान रहते हैं। उन्होंने वेबसाइट और मोबाइल ऐप की सुलभता और कार्यशीलता सुनिश्चित करने की माँग की।
पुलिस सत्यापन में कुछ जगहों पर 1-2 महीने की देरी हो जाती है, जो अनुचित है। सत्यापन की अधिकतम अवधि 7 दिन तय की जाए, अन्यथा पासपोर्ट स्वतः जारी किया जाए।
बीमारी, मृत्यु या जरूरी मीटिंग जैसी आपात स्थिति में तत्काल पासपोर्ट सुविधा हर ज़ोन में उपलब्ध कराई जाए।
मौलाना फारान ने यह ज्ञापन भारत के राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश और प्रधानमंत्री को भी भेजा है।

تازہ ترین خبریں

دیگر تصانیف

امیدوں کا چراغ

مٹی کا چراغ

کہاں گئے وہ لوگ

تذکیر و تانیث

مجلس ادارت

team

سرپرست

حضرت الحاج مولانا کبیر الدین فاران صاحب مظاہری

team

مدیر مسئول

مولانا ارشد کبیر خاقان صاحب مظاہری

team

مدیر

مفتی خالد انور پورنوی صاحب قاسمی