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मुल्क गलती से चल सकता है जु़ल्म से नहीं।
- Jun 01, 2023
- Editor: Arshad Kabir Khaquaan
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मौलाना कबीरुद्दीन फारान
मौलाना फारान ने दर्द भरे लहजे में कहा पहले बादशाहत व राजपाट में मुल्कों को तक़सीम किया जाता था और मासूमों के खून की होली खेली जाती थी मां की गोद से औलाद को छीन कर उनके सामने शहीद किया गया था लाखों औरतें विधवा हुई थी और हज़ारो बच्चे यतीम हुए थे और आज विश्व में सत्ता के लालचियों और खुद गर्ज़ लोगों और धर्म के नियमों से नावाकिफ लोगों ने मुल्कों और घर घर तक़सीम कर देने पर तुले हुए हैं और दुनियां को तबाही के दहाने पर ला खडा कर दिया है और यह लोग इंसानों की चिताओं पर एैशो इशरत की महफिल सजा रहे हैं और मानव जाति के मल्बे पर अपनी झूठी शान व शौकत का महल तैयार कर रहे हैं ।
समिति के सदर ने बुद्धिजीवियों से कहा कि आज इन ज़ालिमों ने जुल्म की इंतिहा कर दी है आदम और हव्वा की औलाद अपनों ही के खून से होली खेल रहे हैं देश और धर्म का नाम ले कर दरिंदगी का वह नंगा नाच नचाया जा रहा है जिस पर गीता,बाइबल,गुरु ग्रंथ साहिब और कुरआने करीम मातम कर रहे हैं।
मौलाना फारान ने कह कि दुनिया की तारीख़ गवाह है कि जब जहां और जिसने भी जु़ल्म और अत्याचार को अपनाया खुदा का गज़ब और मानव जाति की आह ने उसका नाम सफे हस्ती से मिटा दिया और दुनियां में उसका कोई नाम व निशान बाकी़ नहीं रहा।
मौलाना फारान ने बुद्धिजीवियों को जा़ेर देकर कहा है कि अब वक़्त आ गया है कि हर धर्म के धर्म गुरु मुल्क के बुद्धिजीवि और सच्चे देश भक्त अपने अपने दायरे असर में रब परस्ती, इंसान दोस्ती और आदम व हव्वा की औलाद पर जुल्म व ज्यादती करने वालों का हाथ पकडे और बताए कि ए रब के बन्दे तुम्हारा हर इन्सान से खूनी व खानदानी रिशता है और यह संदेश मन्दिरों,गुरुद्वारों,कलीसाओं और मस्जिद के मिम्बरो मेहराब के ज़रये दुनियां में आम करना चाहिए वरना यह जु़ल्म और अशान्ति की फज़ा मानव जाति को बर्बाद , मआशियत और कारोबार को तहस नहस कर देगी और जब इन्सान ही नहीं रहेगा तो यह मुल्क किस काम का ।
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